खेल खेल में भाई ने छोटे भाई को पटरी पर धकेला पायलट की सूझबूझ से बची बच्चे की जान पायलट ने बच्चे को सकुशल निकाल कर बच्चे की मां को सकुशल सौंपा चारों तरफ हो रही लोको पायलट की तारीफ।
राष्ट्रीय- इसे शरारत कहे या फिर गंभीर अपराध छोटे से करीब 3 साल की मासूम बच्चे को शरारती भाई ने रेलवे ट्रैक पर शरारत करते हुए ढकेल दिया वह तो गनीमत रही कि ट्रेन के ड्राइवर की सूझबूझ से मासूम बच्चे की जान बच गई अब वीडियो में बखूबी देख सकते हैं किस प्रकार मासूम बच्चा ट्रेन के इंजन के बीचो-बीच पहिए के नीचे से झांकता हुआ चिल्ला रहा है।
उसके बाद बच्चे को गाड़ी नंबर 23668 CAB-2 का पायलट सूझबूझ से बच्चे को बचाने में कामयाब होने के बाद शरारती बच्चे का कान पकड़कर उससे कह रहा है कि जल्दी इस बच्चे को निकालो, वीडियो मे चंद सेकेंड के बाद दूसरी लड़की आती है पहले पूछता है बच्चा तुम्हारा है वो इंकार करते हुए ना में जवाब देती है। फिलहाल पायलट की मासूम बच्चे की जान बच गई। पूरे मामले का वीडियो आगरा के बल्लभगढ़ रोड का बताया जा रहा है लोकेशन क्लियर ना होने के चलते हम पुख्ता तौर पर नहीं बता सकते हमने उत्तर प्रदेश जीआरएफ के साथ रेल मंत्री पीयूष गोयल को टैग कर पूरे मामले की जानकारी देते हुए साथ में आगरा पुलिस को टैग किया है
ताकि पूरे मामले की जांच कर पूरा मामला सामने आ सके।
पूरे मामले में सूझबूझ के साथ रेलवे पायलट ने सराहनीय काम किया है। पूरे मामले पर जांच के बाद उत्तर प्रदेश जीआरएफ ने बताया यह घटना उत्तर प्रदेश जीआरएफ से संबंधित नहीं है। लेकिन उन्होंने बताया कि यह घटना 21 सितंबर को बल्लभगढ़ स्टेशन के पास खंबा नंबर 1499/ 13 के समीप घटित हुई थी।
कहते हैं जाको राखे साइयां मार सके न कोई बाल न बांका कर सके जके रक्षक हरी हो, यह पंक्तियां एक बार फिर सच साबित हुई है नई दिल्ली – बल्लभगढ़ के पास माल गाड़ी नंबर 23668 के पायलट की सूझबूझ से मासूम की जान बच गई। जानकारी के मुताबिक खेल खेल में बच्चे के भाई ने मासूम को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। जिसके बाद लोको पायलट दीवान सिंह ने सूझबूझ से इमरजेंसी ब्रेक लगाकर किसी मासूम बच्चे को बचाया उन्होंने ट्रेन के संतुलन के बाद तत्काल खंभा संख्या 1499/13 के पास मालगाड़ी रोक अपने सहायक पायलट के साथ नीचे उतर इंजन के पहिए के बीच में फंसे मासूम की एक झलक देख उन्हें कुछ राहत महसूस हुई। उन्होंने तत्काल भाई को पकड़कर मासूम बच्चे को इंजन के नीचे से निकालकर मासूम की मां के सुपुर्द कर दिया। पूरे मामले की जानकारी के बाद उत्तर मध्य रेलवे के साथ सभी ने पायलट की तारीफ की लोगों के मुताबिक पायलट की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है।