उत्तर प्रदेश में गैर कानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी के बाद पहला मामला यूपी में लव जिहाद को लेकर बरेली में जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश में मो. उवैश अहमद के ऊपर गैर समुदाय की लड़की को भगाकर जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने का मुकदमा दर्ज किया गया है। लव जिहाद के आरोप में नये कानून के तहत पहली बार पहली fir दर्ज की गई है।
मामला दर्ज होने के बाद आरोपी फरार हो गया है। उत्तर प्रदेश में इस कानून को 6 महीने के अंदर विधानसभा से पास होना है जिसके बाद यह स्थाई कानून का रुप ले लेगा।
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के देवरनिया गांव के रहने वाले टीकाराम ने थाने में शिकायत दर्ज कराई कि
शरीफ नगर गांव के रहने वाले रफीक अहमद के बेटे उवैस अहमद ने उनकी बेटी को अपने प्यार के जाल में फंसा कर जान पहचान बढ़ा जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने लगा, शिकायतकर्ता के मुताबिक उवैस अहमद उनकी बेटी पर लगातार धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा है। विरोध करने पर वह उसे जान से मारने की धमकी देता रहा जिसकी शिकायत उन्होंने देवरानियां थाने में कराई जिसके बाद पुलिस ने पीड़ित पिता टीकाराम की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ नए पारित अध्यादेश के अनुसार उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 2020 के साथ आईपीसी की धारा 504 व 506 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही शुरू कर दी,
मामला दर्ज होने के बाद से आरोपी फरार है फिर हाल पुलिस लगातार उसकी खोजबीन में जुटी है।
बरेली पुलिस के मुताबिक आरोपी पर घर संप्रदाय की लड़की को बहला-फुसलाकर जबरन धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है जो कि घर से फरार है।
शनिवार को लव जिहाद अध्यादेश को मिली मंजूरी, रात 10:00 बजे बरेली में दर्ज हुआ पहला मामला
बता दे शनिवार को प्रदेश में जबरन गैर समुदाय की लड़कियों को प्यार के जाल में फंसा कर जबरन उनका धर्म बदल कर निकाह करने के मामलों (लव जिहाद) को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के अध्यादेश को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को मंजूरी दी थी जिसके बाद लव जिहाद का अध्यादेश उत्तर प्रदेश में कानून बन गया है जिसके तहत शनिवार को रात 10:00 बजे पहला मामला दर्ज किया गया है इस अध्यादेश को 6 माह के अंदर प्रदेश सरकार को विधानसभा में पास कराना है। जिसके बाद यह स्थाई कानून बन जाएगा। फिरहाल उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने 24 नवंबर को लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी दी थी जिसमें लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है इसमें प्रावधान है कि गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन करने पर कार्रवाई की जाएगी। जिसे शनिवार को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दी जिसके बाद यह अध्यादेश कानून का रूप ले चुका है जिसे प्रदेश सरकार को 6 माह के अंदर विधानसभा में पास कराना है।
अध्यादेश का समाजवादी पार्टी ने किया विरोध
इस अध्यादेश को लेकर उत्तर प्रदेश की वर्तमान में मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी ने इस पर लगातार विरोध दर्ज कराया है। जानकार इसे समाजवादी पार्टी को अपने जनाधार को संजोए रखने के लिए राजनीतिक कदम करार दे रहे हैं।
रिपोर्टर एवं संपादक- VK GUPTA VISHAL की रिपोर्ट