लखनऊ बहुचर्चित पशुधन विभाग में हुए करोड़ों के फर्जीवाड़े में जीरो टॉयलेट की नीति अपनाते हुए सीएम ने इस घोटाले में शामिल दो डीआईजी रैंक के सीनियर आईपीएस अधिकारियों को फर्जी टेंडर दिलाने के मामले में जांच के बाद निलंबित कर दिया है। इसमें डीआईजी रूल्स और मैनुअल दिनेश दुबे व डीआईजी पीएसी अरविंद सेन को जांच के बाद निलंबन का लेटर थभा दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग में करोड़ों के टेंडर घोटाले के आरोपी जेल में है अब इन घोटाले में मदद करने वाले दो वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगने के बाद कार्रवाई की गई है। बता दें अरविंद सिंह तत्कालीन एसपी सीबीसीआईडी के पद पर रहते हुए उन पर आरोपियों के साथ मिलीभगत कर व्यापारी को डराने धमकाने के आरोप लगे थे। एसटीएफ की जांच के बाद या तथ्य सामने आया जिसके बाद आरोपियों दिनेश चंद दुबे ने जेल में बंद आरोपियों से 144 बार बात की बार-बार हुई इस बातचीत के दौरान वित्त लेनदेन की पुष्टि दी हुई। इसी आरोप के तहत इन्हें निलंबित किया गया है। आगरा में डीआईजी अरविंद सेन का कहना है अभी उन्हें कोई आरोप पत्र नहीं मिला है यह दो हजार अट्ठारह का मामला है जांच के दौरान भी उनसे किसी ने पक्ष नहीं जाना निलंबन के मामले पर उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से साफ मना किया है। इस मामले में पीड़ित मनजीत ने सीबीसीआईडी के उस समय पद पर तैनात एसपी जो कि इस समय डीआईजी के पद पर तैनात अरविंद सेन पर मिलीभगत कर धमकाने का आरोप लगाया था। इस पूरे मामले में उनके खिलाफ जांच सही पाई गई थी।
क्या है पशुधन विभाग का घोटाला ?
बता दे इस घोटाले को आरोपियों ने सचिवालय में एक अलग विभाग बना कर सरकार की नाक के नीचे अंजाम दिया इस विभाग में बैठकर पूरे मामले का मास्टर माइंड आशीष राय लोगों को अपने जाल में फंसाकर पशुधन विभाग में फर्जी टेंडर दिलाने का झांसा दे अपनी हाई प्रोफाइल टीम के साथ मिलकर अंजाम देता था मामले का खुलासा उस समय हुआ। जब मध्यप्रदेश के इंदौर निवासी मनजीत भाटिया से इन लोगों ने 9 करोड़ 27 लाख की रकम ठग ली। पीड़ित ने जब अपने पैसे मांगे तो उसे हेड कांस्टेबल दिलबहार ने अन्य साथियों के साथ उठा नाका कोतवाली में डराया धमकाया इस बात की शिकायत मनजीत भाटिया ने पुलिस से की। पूरे मामले का राज धीरे-धीरे पर्दाफाश होने के बाद शासन ने तेजी दिखाते हुए 9 लोगों को गिरफ्तार किया। अन्य जिनके खिलाफ आरोप लगे उन पर एसआईटी गठित कर जांच की गई घोटाले में कई गिरफ्तारियां हुई। सुबे के पशुधन राज्य मंत्री जय प्रताप निषाद के निजी सचिव रंजीत दिवेदी धीरज कुमार देव पत्रकार आशीष राय अनिल राय एके राजू रूपकला और उमा शंकर को इस पूरे मामले में 14 जून को गिरफ्तार किया गया। वहीं डराने धमकाने के मामले में बाराबंकी में हेड कांस्टेबल रहे दिलबहार सिंह को सस्पेंड किया गया था इसी घोटाले में वरिष्ठ डीआईजी रैंक के आईपीएस दिनेश चंद दुबे व अरविंद सेन को शामिल लोगों की मदद करने के आरोपों में निलंबित किया गया है। आरोपियों ने किस तरह पशुधन विभाग के घोटाले की कार्य प्रणाली किस तरह से सचिवालय में पशु पालन विभाग का फर्जी दफ्तर बनाकर फर्जीवाड़ा किया गया इससे अधिकारी ही नहीं एसटीएफ की टीम भी दन्ग रह गई थी। पूरा मामला विपक्ष के रुख के बाद तूल पकड़ने लगा जिसके दबाव के बाद जांच जल्दी पूरी कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया। जिनके आईपीएस दिनेश चंद दुबे से अच्छे संबंध है दुबे के खिलाफ यूपी डेस्को नोडल एजेंसी के तहत शिवगढ़ बछरावां रायबरेली बरेली में कौशांबी बस अड्डा समेत लखनऊ में दिव्यांगों के भवन बनवाने के ठेका दिलाने के मामले में भी शिकायत दर्ज है जिसमें इन ठेकों के एवज में लाभ में हिस्सेदारी मिली है।