महिला सम्मान गौरव की रक्षा करने वाली यूपी पुलिस सवालों के घेरे में है ताजा मामला उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के फुरसतगंज थाना क्षेत्र में तैनात एक महिला दरोगा सुधा वर्मा बार-बार अपने विभाग की प्रताड़ना से परेशान हो इस्तीफा लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए एसपी ऑफिस रिजाइन करने पहुंची,
उन्होंने बातों बातों में पुलिस की कलई खोलकर रख दी। उन्होंने बताया किस तरह जनपद में भ्रष्टाचार चरम पर है आठ 10 जानवर लदे होने के बावजूद एसएचओ द्वारा पैसा लेकर गाड़ी छुड़वा दी गई, यही नहीं तरह-तरह के हथकंडे अपनाने के साथ उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा। परेशान हो आवश्यक कार्य से छुट्टी मांगने पर भी अभद्रता पूर्वक व्यवहार किया गया “कहां गया जहां मरना हो मर जाओ, छुट्टी नहीं मिलेगी” यह कोई देश की आम लड़की नहीं है यह हमारे देश के नारी सम्मान की प्रतीक उस महिला वर्ग की दुर्दशा है जिसकी सुरक्षा को लेकर संसद से लेकर सड़क तक लाख दावे किए जाते हैं जमीनी स्तर पर हर दावे खोखले नजर आते हैं हमारे विभागों में महिला के साथ कैसा सलूक किया जाता है इसकी एक बानगी मात्र भर है, महिलाओं की दयनीय स्थिति किसी से छिपी भी नहीं है। खैर पुलिस के कंधे पर समाज के प्रताड़ित परेशान को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी है, लेकिन अमेठी का पुलिस प्रशासन विभाग अपनी महिला दरोगा सुधा वर्मा तक को न्याय नहीं दिला सका ? परेशान महिला दरोगा को स्थानीय एसएचओ फुरसतगंज अपर पुलिस अधीक्षक की प्रताड़ना से परेशान हो, क्यों अंतिम विकल्प के रूप में रिजाइन देना ही शेष रह गया ?, मीडिया से अवगत कराते हुए एसपी ऑफिस पहुंची और गंभीर आरोप लगाते हुए रिजाइन देने को कहा पूरा मामला समझने के लिए पीड़ित महिला दरोगा का वीडियो देखकर उनकी स्थिति समझने की कोशिश करिए का अनुमान लगाएगा यूपी की पुलिसिंग में महिलाओं के साथ उच्च अधिकारियों द्वारा या फिर कहें उनके सीनियरों द्वारा किस तरह का सलूक किया जाता है। महिला दरोगा सुधा वर्मा के आरोप गंभीर है अगर ऐसा है तो दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाने की जरूरत है।
कहने को तो हमारी संस्कृति इसमें में देवी आदिशक्ति दुर्गा का प्रचंड रूप मानकर नारी शक्ति की पूजा की जाती है लेकिन नारीत्व को बरकरार रख परिवार सामाजिक जिम्मेदारी के साथ फर्ज निभाने में भी देश की नारियां पीछे नहीं है। लेकिन (किसी) विभाग द्वारा उनके साथ क्या सुलूक किया जाता है इसकी यह बानगी मात्र है। दूसरी तरफ प्रशासन से अवगत कराने के बाद आईजी रेंज अयोध्या के दखल के बाद अमेठी पुलिस द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत कर पूरे हस्तांतरण के मामले को शासकीय दृष्टि से सही बताने की कोशिश की गई है। दूसरी तरफ प्रशासन द्वारा महिला के आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया गया है आरोप बेहद गंभीर है पैसे लेकर आठ-दस जानवर से लदी गाड़ी छोड़ी गई ?
सविधान में बराबरी लेकिन नारियों के साथ विभागों में भेदभाव क्यों?