उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा थाना क्षेत्र के मुंडा खेड़ा रोड पर पटाखा दुकानदार आतिशबाजी के पटाखों की दुकान लगा रखी थी| अचानक पुलिस ने कानूनी आदेश के मुताबिक छापेमारी करते हुए पटाखों को जप्त कर लिया यहां तक तो ठीक था|
उसके बाद फिर सामने आई बुलंदशहर पुलिस की अमानवी हरकत के साथ गुंडागर्दी की तस्वीरें पुलिस ने पटाखा बेच रहे शख्स को कॉलर पकड़कर गंभीर अपराधी की तरह खींचते हुए पुलिस गाड़ी ने गंभीर अपराधियों की तरह घसीटते हुए कानून की धज्जियां उड़ा दी दुकानदार की 10 वर्षीय की बच्ची अपने पिता को बचाने के लिए लिपट गई| लेकिन पुलिस द्वारा नैतिकता को ताक पर रखकर बेरहमी के साथ नाबालिक मासूम बच्चों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है
के बजाय बच्ची के साथ दुर्व्यवहार करने का वीडियो सामने आया है पुलिस के दुर्व्यवहार से दुखही मासूम बच्ची पिता से लिपटने के बाद बार-बार बेरहमी के साथ जीप में सर मार-मार कर पिता की रिहाई की गुहार लगाती रही| पुलिस वालों को मासूम बच्चे तो बेकसूर होते हैं हर पिता के लिए उनमें दर्द होता है उन्हें समझा-बुझाकर अलग करना चाहिए था| खैर इन्हें पुलिस ट्रेनिंग में किस नैतिकता का पाठ पढ़ा कर ट्रेनिंग में क्या सिखाया जाता है उस पर मैं सवाल नहीं उठाना चाहता हूं| क्योंकि गारी और ऐसे दुर्व्यवहार तो जैसे इनके लिए कानून का पाठ हो, वीडियो में बच्ची पर वर्दी धारियों को रहम नहीं आया उसके बाद दूसरा नाबालिक पुलिस की ओछी हरकत पर सवाल उठाता है तो वर्दीधारी गुंडागर्दी के साथ उस बच्चे पर हाथ उठाने से भी गुरेज नहीं करते हैं|
वीडियो में आप बखूबी देखकर समझ सकते हैं|
पूरे मामले का वीडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री ने मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित आरक्षी को सस्पेंड कर पुलिस की टीम के साथ बच्ची को समझा बुझा माफी मांगने के बाद दिवाली के गिफ्ट के तौर पर बच्ची के कोमल मन से पुलिस का दुर्व्यवहार खत्म करने के उद्देश्य से दिवाली का उपहार दें उसके साथ प्रशासनिक दिवाली बनवाई|
बुलंदशहर की घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाते हुए प्रशासनिक आदेश दिए जिसके बाद एसडीएम के साथ पुलिस बल ने पहुंचकर बच्ची को समझा बुझा दिवाली का गिफ्ट देने के साथ ही उससे बयान लिए जिसमें पुलिस वालों से घिरी बच्ची अब खुश है फिलहाल पुलिस द्वारा बताया गया है की उसके पिता को थाने से 2 घंटे बाद जमानत दे दी गई है| दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की गई है जाने के बाद दिवाली मनाने की अच्छी तस्वीरें|
भगोड़े आईपीएस को अब तक नहीं खोज पाई यूपी पुलिस ?
यह विडंबना ही है कि रोजी-रोटी चलाने के लिए आम दुकानदार द्वारा आदेश के बावजूद पटाखे की छोटी सी दुकान लगाई गई, उस पर वर्दी द्वारा आतंकवादियों की तरह बीच बाजार कॉलर पकड़कर अत्याचार शुरू किया गया| जबकि आदेश के बावजूद उत्तर प्रदेश के महोबा में गिट्टी कारोबारी अजीत त्रिपाठी का हत्यारा मणिलाल पाटीदार आज भी पुलिस की पकड़ से दूर है आखिर हमारे वर्दी वाले रसूखदार भगोड़े आईपीएस मणिलाल पाटीदार को क्यों नहीं गिरफ्तार कर उसके किए की सजा दिला पाए, खैर छोड़िए उत्तर प्रदेश पुलिस तो पाताल से भी कमजोर आरोपियों को ढूंढ निकालती है लेकिन आज तक वह मणिलाल पाटीदार जैसे रसूखदार भगोड़े आईपीएस अधिकारी के नाम पर कलंक व्यक्तियों को क्यों नहीं खोज पाई, पाटीदार जैसे शख्स पर ऐसे आरोप उनके विभाग पर कलंक है लेकिन वह आज तक इस कलंक को क्यों नहीं धूल पाए ?
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