लखनऊ उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर 1995 को आधार बनाकर आरक्षण जारी करने के मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई जिसके हाईकोर्ट ने तत्काल रोक लगाने के आदेश के बाद 15 तारीख को सरकार को जवाब देने के लिए कहा था। पूरे मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार के आदेश को पलटते हुए आदेश दिया कि 2015 को बेसवर्ष मानकर 25 मई तक चुनाव संपन्न कराए जाएं। इस आदेश के बाद हाल ही में यूपी सरकार द्वारा जारी की गई आरक्षण सूची में नए सिरे से फेरबदल होगा क्योंकि वह सूची 1995 को आधार बनाकर जारी की गई थी अब 2015 को आधार वर्ष बनाकर आरक्षण की नई सूची जारी की जाएगी जिसमें संभवत कई बड़े फेरबदल हो सकते हैं यानी कि राज्य सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई आरक्षण की सूची अब बदल जाएगी अब नए सिरे से आरक्षण तय होगा जिसके बाद सीटों की स्थिति तय होगी
लखनऊ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर कोर्ट के आदेश के बाद, पुनःजारी होने वाली आरक्षण सूची को लेकर संभावित उम्मीदवारों की धड़कने हुई तेज,आरक्षण सूची को लेकर संभावित प्रत्याशियों व ग्रामीण अपने अपने हिसाब से आरक्षण सूची पर कर रहे हैं चर्चाएं,
— vk gupta vishal (Reporter) (@vkguptavishal1) March 15, 2021
उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बड़ा झटका दिया है सरकार ने 1995 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण सूची जारी की थी। जिसके बाद याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट 2015 को आधार मानकर आरक्षण जारी करने के आदेश देने के साथ ही त्रिस्तरीय चुनाव को 25 मई तक संपन्न कराने के आदेश दिए हैं यानी कि हाल ही में जारी की गई आरक्षण की सूची पूरी तरह से भी बदल सकती है यह उस ग्रामसभा की आरक्षण की स्थिति वह जनसंख्या के आधार पर निर्भर होगा फिलहाल 27 मार्च तक आरक्षण फाइनल करने को हाईकोर्ट ने कहां है ।
25 मई तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न कराने के आदेश
उपरोक्त मामले पर अजय कुमार की ओर से जारी की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी एवं न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने यूपी सरकार को तगड़ा झटका देते हुए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जिसके बाद हाल ही में जारी की गई आरक्षण सूची पूरी तरीके से बदल भी सकती है यानी कि आरक्षण वह भी 2015 को आधार मानकर।